Monday, 26 December 2016

मुद्रा योजना के तहत लोन कैसे प्राप्त कर

** मुद्रा योजना के तहत लोन कैसे प्राप्त करें ?

देश में छोटे और मध्यम आकर के उद्योगों (Small Business/MSME) की वित्तीय आवश्यकताओं (Financial Needs) को पूरा करने के लिए भारत सरकार ने अप्रेल 2015 में प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) की शुरुआत की हैं|



अगर कोई व्यक्ति अपना Business शुरु करना चाहता हैं या फिर अपने वर्तमान बिज़नेस को आगे बढ़ाना चाहता हैं, तो वह सामान्यत: Bank से Loan के लिए आवेदन करता हैं|लेकिन Bank से Loan लेने की प्रक्रिया बहुत जटील होती हैं और इसके लिए गारंटी भी देनी पड़ती हैं जिसके कारण ज्यादातर व्यक्ति Bank से Loan लेने कतराते हैं|इसी बात को ध्यान में रखकर भारत सरकार ने लघु उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए Mudra (Micro Units Development Refinance Agency) Scheme को लांच किया हैं|

मुद्रा योजना के लाभ – Benefits of Mudra Scheme

मुद्रा स्कीम के तहत सामान्यत: बिना गारंटी (Without Guarantee) के Loan प्रदान किये जाते हैं
मुद्रा योजना के तहत Loan प्रदान करने में किसी भी तरह की Processing Fees चार्ज नहीं की जाती हैं|
मुद्रा लोन की पुनः भुगतान अवधि (Repayment Period) को 5 वर्ष तक बढाया जा सकता हैं|
Working Capital Loan को Mudra Card के द्वारा प्रदान किया जा सकेगा|
योग्यता  – Who are Eligible to Avail Loan Under Mudra Scheme?

कोई भी भारतीय नागरिक या फर्म जो किसी भी क्षेत्र (खेती के आलावा) में अपना व्यवसाय (Business) शुरू करना चाहता हैं या फिर अपने वर्तमान व्यवसाय को आगे बढ़ाना चाहता हैं और उसकी वित्तीय आवश्यकता (Financial Needs) 10 लाख रूपये  तक हैं वह प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (Mudra Loan Scheme) के तहत Loan के लिए आवेदन कर सकते हैं|

Types of Loan Under Mudra Scheme – मुद्रा लोन के प्रकार

Mudra Scheme (मुद्रा योजना) के तहत  Mudra Loan को विभिन्न व्यवसायों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए तीन भागों में विभाजित किया है। मुद्रा योजना के तहत ऋण के तीन प्रकार हैं:

Shishu Loan : शिशु ऋण के तहत 50,000/ – रुपये तक के ऋण दिए जाते है|
Kishor Loan : किशोर ऋण के तहत 50,000 / – रुपये के ऊपर और 5 लाख रूपए तक के ऋण दिए जाते है|
Tarun Loan : तरुण ऋण के तहत 5 लाख रूपये से ऊपर और 10 लाख रुपये तक के ऋण दिए जाते है|
मुद्रा योजना के तहत  कम से कम 60% ऋण, शिशु ऋणों के रूप में दिया जाएगा|

Interest Rates of Mudra Bank Loan – ब्याज दर

Mudra Loan के तहत कोई निश्चित ब्याज दर (Interest Rate) नहीं हैं|ब्याज दर विभिन्न बैंकों में अलग-अलग हो सकती हैं तथा आवेदक के व्यवसाय की Risk के आधार पर भी Bank Interest Rate भिन्न-भिन्न हो सकती हैं|सामान्यत: Mudra Loan की Interest Rate 12% प्रति वर्ष के आस-पास होती हैं|

Mudra Loan Scheme के तहत सरकार की तरफ से कोई भी सब्सिडी नहीं दी जाती|अगर आवेदक ने किसी अन्य योजना के तहत किसी सब्सिडी के लिए आवेदन किया हैं जिसमें सरकार कैपिटल सब्सिडी प्रदान करती हैं तो उस सब्सिडी को Mudra Loan से लिंक किया जा सकता हैं|

How to Apply For Mudra Loan – मुद्रा लोन प्राप्त करने की प्रक्रिया

Step 1: जानकारी जुटाना और सही  बैंक का चुनाव करना

मुद्रा योजना के तहत Loan के लिए Apply करने की कोई निश्चित प्रक्रिया नहीं हैं| Loan लेने के लिए आवेदक को सर्वप्रथम अपने आस-पास के बैंकों से संपर्क करके लोन की प्रक्रिया और Interest Rate सम्बन्धी पूरी जानकारी जुटा लेनी चाहिए|लोन प्राप्त करने के लिए आपको एप्लीकेशन फॉर्म भरना होता हैं और उसके साथ कुछ डाक्यूमेंट्स सबमिट करने होते हैं|

Step 2 : डाक्यूमेंट्स तैयार करना और एप्लीकेशन सबमिट करना

Loan प्रदान करने के लिए बैंक सामान्यत: आपकी वित्तीय आवश्यकताओं के आधार पर दो तरह की जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं जिसमें वे विभिन्न तरह के डाक्यूमेंट्स की मांग कर सकते हैं:

विभिन्न दस्तावेजों जैसे पिछले दो वर्षों की Balance Sheet, Income Tax Returns और आपके वर्तमान व्यवसाय की जानकारी जुटाकर यह जानने की कोशिश करते हैं कि क्या आप ब्याज सहित Loan वापस चुकाने की क्षमता रखते हैं या नहीं|बैंक यह जानने की कोशिश करते हैं कि आपके बिज़नेस में कितनी Risk हैं ताकि वे यह सुनिश्चित कर सकें कि उनके द्वारा दिया गया पैसा सुरक्षित रहेगा|
बैंक आपके भावी Business Plan, Project Report, Future Income Estimates आदि के द्वारा यह जानने की कोशिश करते हैं कि बैंक द्वारा दिये गए Loan का उपयोग किस प्रकार के कार्यों में किया जाएगा और उस Loan के कारण Business का लाभ कितना और कैसे बढेगा|

* Checklist for Mudra Loan (Documents Required)

सामान्यत: मुद्रा लोन के लिए आपको आवेदन फॉर्म के साथ निम्न दस्तावेजों को सबमिट करना पड़ता हैं| Loan की राशी, Business Nature, Bank Rules आदि के आधार पर Documents की संख्या कम ज्यादा हो सकती हैं (उदाहरण के लिए अगर आप 50000 रूपये तक लोन ले रहे हैं, तो हो सकता हैं कि आपको Balance Sheet और Income Tax Return आदि की जरूरत ना पड़े):

*Proof of identity – Self certified copy of Voter’s ID card / Driving License / PAN Card / Aadhar Card/Passport.
*Proof of Residence
* Recent telephone bill, electricity bill,
*property tax receipt (not older than 2 months),
* Voter’s ID card, *Aadhar Card & Passport of Proprietor/Partners.
* Proof of SC/ST/OBC/Minority.
* Proof of Identity
*Address of the Business Enterprise – Copies of relevant licenses/registration certificates/other documents pertaining to the ownership,
*identity and address of business unit.
* Applicant should not be defaulter in any Bank/Financial institution.
* Statement of accounts (for the last six months), from the existing banker, if any.
Last two years balance sheets of the units along with income tax/sales tax return etc. (Applicable for all cases from Rs.2 Lacs and above).
* Projected balance sheets for one year in case of working capital limits and for the period of the loan in case of term loan (Applicable for all cases from Rs.2 Lacs and above).
* Sales achieved during the current financial year up to the date of submission of application.
* Project report (for the proposed project) containing details of technical & economic viability.
* Partnership Deed (in case of partnership firm)etc
* Asset & Liability statement (In absence of third party guarantee,) from the borrower including Partners may be sought to know the net-worth.
* Photos (two copies) of Proprietor/ Partners

Mudra Loan के लिए आप Application Form सम्बंधित बैंक से प्राप्त कर सकते हैं या फिर आप ऑनलाइन बैंक की Website से Download कर सकते हैं|आप इस लिंक से भी Mudra Loan Application Form  डाउनलोड कर सकते हैं –

Step 3. लोन प्रोसेसिंग (Loan Processing)

Proper Documents के साथ Application Form Submit करने के बाद बैंक आपके डाक्यूमेंट्स की जांच करेगी और पूरी तरह से संतुष्ट होने के लिए वे कुछ और डाक्यूमेंट्स की भी मांग कर सकते हैं|इस प्रक्रिया में कुछ दिनों का समय लग सकता हैं और Loan Processing की प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद आपको disbursement amount का check दे दिया जाएगा जो आवेदक के बैंक खाते मे जमा किया जाता है|

बैंक यह सुनिश्चित करती हैं कि Loan की राशी आपके बिज़नेस या उसी उद्देश्य के लिए ही खर्च हो, जिसके लिए लोन दिया गया हैं| इसके लिए वे कई कदम उठाते हैं जैसे अगर आवेदक ने अपने प्रोजेक्ट मे कोई बड़ी Machinery या Equipment खरीदनी है, तो भुगतान चेक के माध्यम से ही किया जाए|

Rejection of Loan Application

अगर आवेदक के documents और दर्शाया गया उद्योग / व्यापार प्रोजेक्ट बैंक को सही नहीं लगता तो बैंक आवेदक की एप्लीकेशन को रिजेक्ट भी कर सकता हैं| अगर डाक्यूमेंट्स और एप्लीकेशन मे कोई छोटी मोटी गलती हो तो बैंक ही आवेदकको मार्गदर्शन दे कर उसे ठीक करवा कर LOAN की मंजूरी दे देता है|

Mudra Card

मुद्रा लोन लेने वाले सभी आवेदकों को लोन प्रदान करते समय मुद्रा कार्ड (Rupay Debit Card के रूप में) जारी किये जायेंगे जो कि एक तरह से डेबिट कार्ड की तरह ही होंगे| इसके तरह व्यवसायी अपने मुद्रा लोन की 10% तक राशी मुद्रा कार्ड से खर्च कर सकेगा| Mudra Card का उद्देश्य व्यवसायी की Working Capital (चालू पूंजी) की जरूरतों को पूरा करना हैं ताकि व्यवसायी अपने बिज़नेस के रोजमर्रा के खर्चों का मुद्रा कार्ड के द्वारा भुगतान कर सके और ब्याजखर्च को कम कर सके|

List of Institutions and Banks Offering Mudra Loan

वर्तमान में मुद्रा योजना के तहत ऋण निम्नलिखित संस्थानों द्वारा दिए जा रहे हैं:



27 पब्लिक बैंकों द्वारा
17 निजी बैंकों द्वारा
31 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों द्वारा
4 सहकारी बैंकों द्वारा
36 माइक्रोफाइनेंस संस्थाओं द्वारा
25 गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थाओं द्वारा

Sunday, 25 December 2016

शेयर बाजार क्या हैं.और कैसे काम करता हैं ?

  •  शेयर बाजार क्या हैं.और कैसे काम करता हैं  ?
हर व्यक्ति अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए मेहनत करता हैं और पैसे कमाता हैं| वह अपनी कमाई का कुछ हिस्सा saving (बचत) के रूप में रखता हैं, ताकि भविष्य की जरूरतों को पूरा किया जा सके|
लेकिन Money Saving का कार्य तब तक अधूरा होता हैं जब तक की बचत किये हुए पैसे को सही तरीके से Invest न किया जाए| वैसे तो  Investment के कई सारे विकल्प होते हैं, लेकिन Share Market या Stock Market भी Investment का एक मुख्य विकल्प हैं|
कई लोग Share Market में Invest करना चाहते हैं लेकिन Stock Market के बारे में सही ज्ञान न होने के कारण या तो वे Share Market में Invest नहीं करते या फिर वे अपने पैसे खो देते हैं|इसी बात को ध्यान में रखकर आज हम Stock Market Investment से सम्बंधित Basic जानकारी यहाँ पर शेयर कर रहे हैं:

* What is Stock Market – शेयर बाज़ार क्या हैं
Stock Market वह जगह होती हैं जहाँ पर Shares, Debentures, Mutual Funds, Derivatives और अन्य Securities (प्रतिभूतियों) को ख़रीदा और बेचा जाता हैं| Shares को मुख्य रूप से Stock Exchange के माध्यम से ख़रीदा और बेचा जाता हैं और भारत में BSE (Bombay Stock Exchange) और NSE (National Stock Exchange)  दो मुख्य Stock Exchange हैं|

* What is Shares – शेयर क्या होता हैं ?
Share का अर्थ होता हैं -“हिस्सा” और स्टॉक मार्केट की भाषा में “शेयर” का मतलब हैं – “कंपनियों में हिस्सा”| जब आप किसी कंपनी के शेयर खरीदते हैं तो कंपनी के हिस्सेदार बन जाते हैं| उदाहरण के लिए अगर किसी कंपनी ने कुल 1 लाख शेयर Issue किये हैं और आपने उसमें से 10 हजार Shares खरीद लिए हैं तो आप उस कंपनी के 10% हिस्सेदार बन जाते हैं| आप जब चाहें तब इन शेयर्स को स्टॉक मार्केट में बेच सकते हैं|

शेयर मार्केट कैसे काम करता हैं ? How Share Market Works
* कंपनियां शेयर्स कैसे जारी (Issue) करती हैं ?
सर्वप्रथम कंपनियां अपने शेयर्स की  स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टिंग करवाकर IPO (Initial Public Issue) लाती है और अपने शेयर्स स्वंय द्वारा निर्धारित किये हुए मूल्य पर Public को Issue करती हैं| एक बार IPO पूरा हो जाने के बाद Shares, Market में आ जाते हैं और स्टॉक एक्सचेंज और ब्रोकर्स के माध्यम से निवेशकों द्वारा आपस में ख़रीदे और बेचे जाते हैं|
* Shares के Prices कैसे बदलते हैं? How Stock Prices are Set?
सर्वप्रथम आईपीओ लाते वक्त शेयर्स के Price कंपनी निर्धारित करती हैं लेकिन एक बार आईपीओ पूरा हो जाने के बाद Shares का मूल्य निर्धारित करने में कंपनी का कोई Role नहीं होता और Shares के मूल्य स्वतन्त्र रूप से shares की Deemand और Supply के आधार पर Stock एक्सचेंज द्वारा निर्धारित किये जाते हैं|
अगर ख़रीदे जाने वाले Shares की तुलना में बेचे जाने वाले shares की संख्या कम होगी तो Shares के Price बढ़ेंगे और अगर बेचे जाने वाले Shares की तुलना में ख़रीदे जाने वाले Shares की संख्या कम होगी तो Share Price कम होगी|
शेयर मार्केट में रजिस्टर्ड होने के बाद कंपनियों को समय-समय पर सभी महत्वपूर्ण जानकारियां निवेशकों के साथ साझा करनी होती हैं और इसी जानकारियों के आधार पर निवेशक कंपनियों का मूल्यंकन करते हैं| इस मूल्यांकन के आधार पर शेयर्स की Deemand और Supply घटने-बढ़ने से Shares के Price Change होते हैं|
* Sensex और Nifty क्या हैं ?
Sensex बोम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक (Index) हैं और Sensex का निर्धारण BSE में लिस्टेड टॉप 30 कंपनियों के मार्केट कैपिटलाइजेशन (कंपनीयों का कुल मूल्य) के आधार पर किया जाता हैं|Sensex BSE की टॉप 30 कंपनियों के प्रदर्शन को प्रदर्शित करता हैं|अगर सेंसेक्स बढ़ता हैं तो इसका मतलब हैं कि BSE में रजिस्टर्ड अधिकांश कंपनियों ने अच्छा प्रदर्शन किया हैं और इसी तरह अगर सेंसेक्स गिरता हैं तो इसका मतलब यह हैं कि अधिकांश कंपनियों का प्रदर्शन ख़राब रहा हैं|
Nifty नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक (Index) हैं और इसका निर्धारण NSE में लिस्टेड टॉप 50 कंपनियों के के मार्केट कैपिटलाइजेशन (कंपनीयों का कुल मूल्य) आधार पर किया जाता हैं| अगर Nifty बढ़ता हैं तो इसका मतलब यह हैं कि NSE में रजिस्टर्ड कंपनियों ने अच्छा प्रदर्शन किया हैं और अगर Nifty घटता हैं तो इसका अर्थ यह हैं कि NSE की कंपनियों ने बुरा प्रदर्शन किया हैं|
Stock Market में Trade होने वाली अन्य Securities
ज्यादातर लोगों को लगता हैं कि स्टॉक मार्केट में केवल शेयर्स ही ख़रीदे और बेचे जाते हैं लेकिन ऐसा नहीं है शेयर्स की तरह अन्य कई सिक्योरिटीज होती हैं जिसे स्टॉक मार्केट में ख़रीदा और बेचा जाता हैं :
* Bond/Debentures
Bond/Debenture एक तरह से loan की तरह होता हैं| कंपनी को जब किसी प्रोजेक्ट के लिए पैसे की आवश्यकता होती हैं तो या वे बैंक से लोन ले सकते हैं या फिर वे जनता/investors से लोन लेते हैंऔर जनता को Bonds/Debentures Issue कर देते हैं जिसका Repayment उन्हें तय समय में करना होता हैं|कंपनियां Bonds/Debentures पर निर्धारित Rate से Interest payment करती हैं और Bond की अवधि पूरी हो जाने पर वापस बांड्स के बदले Repayment कर देती हैं|
Bonds/Debenture किसी भी निवेशक के लिए Shares की तुलना में एक Secure Investment Option होता हैं क्योंकि इसमें कंपनी द्वारा निर्धारित दर से समय समय पर ब्याज दिया जाता हैं और Maturity (बांड की अवधि पूरी होने) पर Repayment कर दिया जाता हैं|
* Mutual Funds
Mutual funds एक तरह का Shares और Bonds में अप्रत्यक्ष निवेश होता है| Mutual Fund एक प्रकार की संस्था या ट्रस्ट होती है जो अपनी यूनिट्स (Shares की तरह) जारी करती है जिसे खरीदकर लोग म्यूच्यूअल फण्ड में Invest करते है| Mutual Fund में इन्वेस्ट की गयी रकम को म्यूच्यूअल फंड्स के प्रोफेशनल मेनेजर अपने ज्ञान, अनुभव, सूझबूझ और एनालिसिस के आधार पर विभिन्न प्रकार के Shares एंव अन्य प्रतिभूतियों में निवेश करते है |
म्यूच्यूअल फण्ड में Investment का यह Benefit यह होता कि म्यूच्यूअल फण्ड के Professional Fund Manager सभी एकत्रित धनराशी को अपने ज्ञान के आधार पर सबसे अच्छे तरह से निवेश करने की कोशिश करते है जिसके बदले में वे कुछ फीस चार्ज करते है |
Mutual Fund में Investment उन लोगों के लिए फायदेमंद होता हैं जिनको Stock Market का ज्यादा ज्ञान नहीं होता या फिर उनके पास इतना समय नहीं होता कि वे शेयर में निवेश से पहले पूरी जानकारी देखें इसलिए वे म्यूच्यूअल फण्ड में इन्वेस्ट करते है और म्यूच्यूअल फण्ड उन्हें अपनी दक्षता के अनुसार आगे शेयर मार्किट एंव अन्य प्रतिभूतियों में निवेश करते है| Mutual Fund को जो भी Dividend प्राप्त होता है वह निवेशकों में उनके ख़रीदे गए यूनिट्स के आधार पर बाँट दिया जाता है
* Derivatives (वायदा) 
Derivatives का अर्थ भविष्य के लेन देन को आज निर्धारित करना होता हैं जिन्हें Stock Market में Options एंव Futures के द्वारा अंजाम दिया जाता हैं|वायदा कारोबार तहत आप भविष्य के लेन देनों को आज एक निर्धारित मूल्य (Future Price) पर अंजाम दे सकते हैं|Derivatives में सामान्यत: Actual Delivery नहीं दी जाती और मूल्य के अंतर के आधार पर Settlement किया जाता हैं|