Monday, 26 December 2016

मुद्रा योजना के तहत लोन कैसे प्राप्त कर

** मुद्रा योजना के तहत लोन कैसे प्राप्त करें ?

देश में छोटे और मध्यम आकर के उद्योगों (Small Business/MSME) की वित्तीय आवश्यकताओं (Financial Needs) को पूरा करने के लिए भारत सरकार ने अप्रेल 2015 में प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) की शुरुआत की हैं|



अगर कोई व्यक्ति अपना Business शुरु करना चाहता हैं या फिर अपने वर्तमान बिज़नेस को आगे बढ़ाना चाहता हैं, तो वह सामान्यत: Bank से Loan के लिए आवेदन करता हैं|लेकिन Bank से Loan लेने की प्रक्रिया बहुत जटील होती हैं और इसके लिए गारंटी भी देनी पड़ती हैं जिसके कारण ज्यादातर व्यक्ति Bank से Loan लेने कतराते हैं|इसी बात को ध्यान में रखकर भारत सरकार ने लघु उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए Mudra (Micro Units Development Refinance Agency) Scheme को लांच किया हैं|

मुद्रा योजना के लाभ – Benefits of Mudra Scheme

मुद्रा स्कीम के तहत सामान्यत: बिना गारंटी (Without Guarantee) के Loan प्रदान किये जाते हैं
मुद्रा योजना के तहत Loan प्रदान करने में किसी भी तरह की Processing Fees चार्ज नहीं की जाती हैं|
मुद्रा लोन की पुनः भुगतान अवधि (Repayment Period) को 5 वर्ष तक बढाया जा सकता हैं|
Working Capital Loan को Mudra Card के द्वारा प्रदान किया जा सकेगा|
योग्यता  – Who are Eligible to Avail Loan Under Mudra Scheme?

कोई भी भारतीय नागरिक या फर्म जो किसी भी क्षेत्र (खेती के आलावा) में अपना व्यवसाय (Business) शुरू करना चाहता हैं या फिर अपने वर्तमान व्यवसाय को आगे बढ़ाना चाहता हैं और उसकी वित्तीय आवश्यकता (Financial Needs) 10 लाख रूपये  तक हैं वह प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (Mudra Loan Scheme) के तहत Loan के लिए आवेदन कर सकते हैं|

Types of Loan Under Mudra Scheme – मुद्रा लोन के प्रकार

Mudra Scheme (मुद्रा योजना) के तहत  Mudra Loan को विभिन्न व्यवसायों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए तीन भागों में विभाजित किया है। मुद्रा योजना के तहत ऋण के तीन प्रकार हैं:

Shishu Loan : शिशु ऋण के तहत 50,000/ – रुपये तक के ऋण दिए जाते है|
Kishor Loan : किशोर ऋण के तहत 50,000 / – रुपये के ऊपर और 5 लाख रूपए तक के ऋण दिए जाते है|
Tarun Loan : तरुण ऋण के तहत 5 लाख रूपये से ऊपर और 10 लाख रुपये तक के ऋण दिए जाते है|
मुद्रा योजना के तहत  कम से कम 60% ऋण, शिशु ऋणों के रूप में दिया जाएगा|

Interest Rates of Mudra Bank Loan – ब्याज दर

Mudra Loan के तहत कोई निश्चित ब्याज दर (Interest Rate) नहीं हैं|ब्याज दर विभिन्न बैंकों में अलग-अलग हो सकती हैं तथा आवेदक के व्यवसाय की Risk के आधार पर भी Bank Interest Rate भिन्न-भिन्न हो सकती हैं|सामान्यत: Mudra Loan की Interest Rate 12% प्रति वर्ष के आस-पास होती हैं|

Mudra Loan Scheme के तहत सरकार की तरफ से कोई भी सब्सिडी नहीं दी जाती|अगर आवेदक ने किसी अन्य योजना के तहत किसी सब्सिडी के लिए आवेदन किया हैं जिसमें सरकार कैपिटल सब्सिडी प्रदान करती हैं तो उस सब्सिडी को Mudra Loan से लिंक किया जा सकता हैं|

How to Apply For Mudra Loan – मुद्रा लोन प्राप्त करने की प्रक्रिया

Step 1: जानकारी जुटाना और सही  बैंक का चुनाव करना

मुद्रा योजना के तहत Loan के लिए Apply करने की कोई निश्चित प्रक्रिया नहीं हैं| Loan लेने के लिए आवेदक को सर्वप्रथम अपने आस-पास के बैंकों से संपर्क करके लोन की प्रक्रिया और Interest Rate सम्बन्धी पूरी जानकारी जुटा लेनी चाहिए|लोन प्राप्त करने के लिए आपको एप्लीकेशन फॉर्म भरना होता हैं और उसके साथ कुछ डाक्यूमेंट्स सबमिट करने होते हैं|

Step 2 : डाक्यूमेंट्स तैयार करना और एप्लीकेशन सबमिट करना

Loan प्रदान करने के लिए बैंक सामान्यत: आपकी वित्तीय आवश्यकताओं के आधार पर दो तरह की जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं जिसमें वे विभिन्न तरह के डाक्यूमेंट्स की मांग कर सकते हैं:

विभिन्न दस्तावेजों जैसे पिछले दो वर्षों की Balance Sheet, Income Tax Returns और आपके वर्तमान व्यवसाय की जानकारी जुटाकर यह जानने की कोशिश करते हैं कि क्या आप ब्याज सहित Loan वापस चुकाने की क्षमता रखते हैं या नहीं|बैंक यह जानने की कोशिश करते हैं कि आपके बिज़नेस में कितनी Risk हैं ताकि वे यह सुनिश्चित कर सकें कि उनके द्वारा दिया गया पैसा सुरक्षित रहेगा|
बैंक आपके भावी Business Plan, Project Report, Future Income Estimates आदि के द्वारा यह जानने की कोशिश करते हैं कि बैंक द्वारा दिये गए Loan का उपयोग किस प्रकार के कार्यों में किया जाएगा और उस Loan के कारण Business का लाभ कितना और कैसे बढेगा|

* Checklist for Mudra Loan (Documents Required)

सामान्यत: मुद्रा लोन के लिए आपको आवेदन फॉर्म के साथ निम्न दस्तावेजों को सबमिट करना पड़ता हैं| Loan की राशी, Business Nature, Bank Rules आदि के आधार पर Documents की संख्या कम ज्यादा हो सकती हैं (उदाहरण के लिए अगर आप 50000 रूपये तक लोन ले रहे हैं, तो हो सकता हैं कि आपको Balance Sheet और Income Tax Return आदि की जरूरत ना पड़े):

*Proof of identity – Self certified copy of Voter’s ID card / Driving License / PAN Card / Aadhar Card/Passport.
*Proof of Residence
* Recent telephone bill, electricity bill,
*property tax receipt (not older than 2 months),
* Voter’s ID card, *Aadhar Card & Passport of Proprietor/Partners.
* Proof of SC/ST/OBC/Minority.
* Proof of Identity
*Address of the Business Enterprise – Copies of relevant licenses/registration certificates/other documents pertaining to the ownership,
*identity and address of business unit.
* Applicant should not be defaulter in any Bank/Financial institution.
* Statement of accounts (for the last six months), from the existing banker, if any.
Last two years balance sheets of the units along with income tax/sales tax return etc. (Applicable for all cases from Rs.2 Lacs and above).
* Projected balance sheets for one year in case of working capital limits and for the period of the loan in case of term loan (Applicable for all cases from Rs.2 Lacs and above).
* Sales achieved during the current financial year up to the date of submission of application.
* Project report (for the proposed project) containing details of technical & economic viability.
* Partnership Deed (in case of partnership firm)etc
* Asset & Liability statement (In absence of third party guarantee,) from the borrower including Partners may be sought to know the net-worth.
* Photos (two copies) of Proprietor/ Partners

Mudra Loan के लिए आप Application Form सम्बंधित बैंक से प्राप्त कर सकते हैं या फिर आप ऑनलाइन बैंक की Website से Download कर सकते हैं|आप इस लिंक से भी Mudra Loan Application Form  डाउनलोड कर सकते हैं –

Step 3. लोन प्रोसेसिंग (Loan Processing)

Proper Documents के साथ Application Form Submit करने के बाद बैंक आपके डाक्यूमेंट्स की जांच करेगी और पूरी तरह से संतुष्ट होने के लिए वे कुछ और डाक्यूमेंट्स की भी मांग कर सकते हैं|इस प्रक्रिया में कुछ दिनों का समय लग सकता हैं और Loan Processing की प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद आपको disbursement amount का check दे दिया जाएगा जो आवेदक के बैंक खाते मे जमा किया जाता है|

बैंक यह सुनिश्चित करती हैं कि Loan की राशी आपके बिज़नेस या उसी उद्देश्य के लिए ही खर्च हो, जिसके लिए लोन दिया गया हैं| इसके लिए वे कई कदम उठाते हैं जैसे अगर आवेदक ने अपने प्रोजेक्ट मे कोई बड़ी Machinery या Equipment खरीदनी है, तो भुगतान चेक के माध्यम से ही किया जाए|

Rejection of Loan Application

अगर आवेदक के documents और दर्शाया गया उद्योग / व्यापार प्रोजेक्ट बैंक को सही नहीं लगता तो बैंक आवेदक की एप्लीकेशन को रिजेक्ट भी कर सकता हैं| अगर डाक्यूमेंट्स और एप्लीकेशन मे कोई छोटी मोटी गलती हो तो बैंक ही आवेदकको मार्गदर्शन दे कर उसे ठीक करवा कर LOAN की मंजूरी दे देता है|

Mudra Card

मुद्रा लोन लेने वाले सभी आवेदकों को लोन प्रदान करते समय मुद्रा कार्ड (Rupay Debit Card के रूप में) जारी किये जायेंगे जो कि एक तरह से डेबिट कार्ड की तरह ही होंगे| इसके तरह व्यवसायी अपने मुद्रा लोन की 10% तक राशी मुद्रा कार्ड से खर्च कर सकेगा| Mudra Card का उद्देश्य व्यवसायी की Working Capital (चालू पूंजी) की जरूरतों को पूरा करना हैं ताकि व्यवसायी अपने बिज़नेस के रोजमर्रा के खर्चों का मुद्रा कार्ड के द्वारा भुगतान कर सके और ब्याजखर्च को कम कर सके|

List of Institutions and Banks Offering Mudra Loan

वर्तमान में मुद्रा योजना के तहत ऋण निम्नलिखित संस्थानों द्वारा दिए जा रहे हैं:



27 पब्लिक बैंकों द्वारा
17 निजी बैंकों द्वारा
31 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों द्वारा
4 सहकारी बैंकों द्वारा
36 माइक्रोफाइनेंस संस्थाओं द्वारा
25 गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थाओं द्वारा

Sunday, 25 December 2016

शेयर बाजार क्या हैं.और कैसे काम करता हैं ?

  •  शेयर बाजार क्या हैं.और कैसे काम करता हैं  ?
हर व्यक्ति अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए मेहनत करता हैं और पैसे कमाता हैं| वह अपनी कमाई का कुछ हिस्सा saving (बचत) के रूप में रखता हैं, ताकि भविष्य की जरूरतों को पूरा किया जा सके|
लेकिन Money Saving का कार्य तब तक अधूरा होता हैं जब तक की बचत किये हुए पैसे को सही तरीके से Invest न किया जाए| वैसे तो  Investment के कई सारे विकल्प होते हैं, लेकिन Share Market या Stock Market भी Investment का एक मुख्य विकल्प हैं|
कई लोग Share Market में Invest करना चाहते हैं लेकिन Stock Market के बारे में सही ज्ञान न होने के कारण या तो वे Share Market में Invest नहीं करते या फिर वे अपने पैसे खो देते हैं|इसी बात को ध्यान में रखकर आज हम Stock Market Investment से सम्बंधित Basic जानकारी यहाँ पर शेयर कर रहे हैं:

* What is Stock Market – शेयर बाज़ार क्या हैं
Stock Market वह जगह होती हैं जहाँ पर Shares, Debentures, Mutual Funds, Derivatives और अन्य Securities (प्रतिभूतियों) को ख़रीदा और बेचा जाता हैं| Shares को मुख्य रूप से Stock Exchange के माध्यम से ख़रीदा और बेचा जाता हैं और भारत में BSE (Bombay Stock Exchange) और NSE (National Stock Exchange)  दो मुख्य Stock Exchange हैं|

* What is Shares – शेयर क्या होता हैं ?
Share का अर्थ होता हैं -“हिस्सा” और स्टॉक मार्केट की भाषा में “शेयर” का मतलब हैं – “कंपनियों में हिस्सा”| जब आप किसी कंपनी के शेयर खरीदते हैं तो कंपनी के हिस्सेदार बन जाते हैं| उदाहरण के लिए अगर किसी कंपनी ने कुल 1 लाख शेयर Issue किये हैं और आपने उसमें से 10 हजार Shares खरीद लिए हैं तो आप उस कंपनी के 10% हिस्सेदार बन जाते हैं| आप जब चाहें तब इन शेयर्स को स्टॉक मार्केट में बेच सकते हैं|

शेयर मार्केट कैसे काम करता हैं ? How Share Market Works
* कंपनियां शेयर्स कैसे जारी (Issue) करती हैं ?
सर्वप्रथम कंपनियां अपने शेयर्स की  स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टिंग करवाकर IPO (Initial Public Issue) लाती है और अपने शेयर्स स्वंय द्वारा निर्धारित किये हुए मूल्य पर Public को Issue करती हैं| एक बार IPO पूरा हो जाने के बाद Shares, Market में आ जाते हैं और स्टॉक एक्सचेंज और ब्रोकर्स के माध्यम से निवेशकों द्वारा आपस में ख़रीदे और बेचे जाते हैं|
* Shares के Prices कैसे बदलते हैं? How Stock Prices are Set?
सर्वप्रथम आईपीओ लाते वक्त शेयर्स के Price कंपनी निर्धारित करती हैं लेकिन एक बार आईपीओ पूरा हो जाने के बाद Shares का मूल्य निर्धारित करने में कंपनी का कोई Role नहीं होता और Shares के मूल्य स्वतन्त्र रूप से shares की Deemand और Supply के आधार पर Stock एक्सचेंज द्वारा निर्धारित किये जाते हैं|
अगर ख़रीदे जाने वाले Shares की तुलना में बेचे जाने वाले shares की संख्या कम होगी तो Shares के Price बढ़ेंगे और अगर बेचे जाने वाले Shares की तुलना में ख़रीदे जाने वाले Shares की संख्या कम होगी तो Share Price कम होगी|
शेयर मार्केट में रजिस्टर्ड होने के बाद कंपनियों को समय-समय पर सभी महत्वपूर्ण जानकारियां निवेशकों के साथ साझा करनी होती हैं और इसी जानकारियों के आधार पर निवेशक कंपनियों का मूल्यंकन करते हैं| इस मूल्यांकन के आधार पर शेयर्स की Deemand और Supply घटने-बढ़ने से Shares के Price Change होते हैं|
* Sensex और Nifty क्या हैं ?
Sensex बोम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक (Index) हैं और Sensex का निर्धारण BSE में लिस्टेड टॉप 30 कंपनियों के मार्केट कैपिटलाइजेशन (कंपनीयों का कुल मूल्य) के आधार पर किया जाता हैं|Sensex BSE की टॉप 30 कंपनियों के प्रदर्शन को प्रदर्शित करता हैं|अगर सेंसेक्स बढ़ता हैं तो इसका मतलब हैं कि BSE में रजिस्टर्ड अधिकांश कंपनियों ने अच्छा प्रदर्शन किया हैं और इसी तरह अगर सेंसेक्स गिरता हैं तो इसका मतलब यह हैं कि अधिकांश कंपनियों का प्रदर्शन ख़राब रहा हैं|
Nifty नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक (Index) हैं और इसका निर्धारण NSE में लिस्टेड टॉप 50 कंपनियों के के मार्केट कैपिटलाइजेशन (कंपनीयों का कुल मूल्य) आधार पर किया जाता हैं| अगर Nifty बढ़ता हैं तो इसका मतलब यह हैं कि NSE में रजिस्टर्ड कंपनियों ने अच्छा प्रदर्शन किया हैं और अगर Nifty घटता हैं तो इसका अर्थ यह हैं कि NSE की कंपनियों ने बुरा प्रदर्शन किया हैं|
Stock Market में Trade होने वाली अन्य Securities
ज्यादातर लोगों को लगता हैं कि स्टॉक मार्केट में केवल शेयर्स ही ख़रीदे और बेचे जाते हैं लेकिन ऐसा नहीं है शेयर्स की तरह अन्य कई सिक्योरिटीज होती हैं जिसे स्टॉक मार्केट में ख़रीदा और बेचा जाता हैं :
* Bond/Debentures
Bond/Debenture एक तरह से loan की तरह होता हैं| कंपनी को जब किसी प्रोजेक्ट के लिए पैसे की आवश्यकता होती हैं तो या वे बैंक से लोन ले सकते हैं या फिर वे जनता/investors से लोन लेते हैंऔर जनता को Bonds/Debentures Issue कर देते हैं जिसका Repayment उन्हें तय समय में करना होता हैं|कंपनियां Bonds/Debentures पर निर्धारित Rate से Interest payment करती हैं और Bond की अवधि पूरी हो जाने पर वापस बांड्स के बदले Repayment कर देती हैं|
Bonds/Debenture किसी भी निवेशक के लिए Shares की तुलना में एक Secure Investment Option होता हैं क्योंकि इसमें कंपनी द्वारा निर्धारित दर से समय समय पर ब्याज दिया जाता हैं और Maturity (बांड की अवधि पूरी होने) पर Repayment कर दिया जाता हैं|
* Mutual Funds
Mutual funds एक तरह का Shares और Bonds में अप्रत्यक्ष निवेश होता है| Mutual Fund एक प्रकार की संस्था या ट्रस्ट होती है जो अपनी यूनिट्स (Shares की तरह) जारी करती है जिसे खरीदकर लोग म्यूच्यूअल फण्ड में Invest करते है| Mutual Fund में इन्वेस्ट की गयी रकम को म्यूच्यूअल फंड्स के प्रोफेशनल मेनेजर अपने ज्ञान, अनुभव, सूझबूझ और एनालिसिस के आधार पर विभिन्न प्रकार के Shares एंव अन्य प्रतिभूतियों में निवेश करते है |
म्यूच्यूअल फण्ड में Investment का यह Benefit यह होता कि म्यूच्यूअल फण्ड के Professional Fund Manager सभी एकत्रित धनराशी को अपने ज्ञान के आधार पर सबसे अच्छे तरह से निवेश करने की कोशिश करते है जिसके बदले में वे कुछ फीस चार्ज करते है |
Mutual Fund में Investment उन लोगों के लिए फायदेमंद होता हैं जिनको Stock Market का ज्यादा ज्ञान नहीं होता या फिर उनके पास इतना समय नहीं होता कि वे शेयर में निवेश से पहले पूरी जानकारी देखें इसलिए वे म्यूच्यूअल फण्ड में इन्वेस्ट करते है और म्यूच्यूअल फण्ड उन्हें अपनी दक्षता के अनुसार आगे शेयर मार्किट एंव अन्य प्रतिभूतियों में निवेश करते है| Mutual Fund को जो भी Dividend प्राप्त होता है वह निवेशकों में उनके ख़रीदे गए यूनिट्स के आधार पर बाँट दिया जाता है
* Derivatives (वायदा) 
Derivatives का अर्थ भविष्य के लेन देन को आज निर्धारित करना होता हैं जिन्हें Stock Market में Options एंव Futures के द्वारा अंजाम दिया जाता हैं|वायदा कारोबार तहत आप भविष्य के लेन देनों को आज एक निर्धारित मूल्य (Future Price) पर अंजाम दे सकते हैं|Derivatives में सामान्यत: Actual Delivery नहीं दी जाती और मूल्य के अंतर के आधार पर Settlement किया जाता हैं|
 

Sunday, 6 November 2016

ऑनलाइन शॉपिंग के दौरान कैसे बचाएं पैसे और रहें सुरक्षित?

ऑनलाइन शॉपिंग के दौरान कैसे बचाएं पैसे और रहें सुरक्षित?

ऑनलाइन शॉपिंग टिप्स

कुछ दिनों पहले Economic Times में एक चौंकाने वाले खबर आई-

Flipkart makes one-day record of ₹ 1.4k crore in sales

यानि, एक दिन में ही एक हज़ार चार सौ करोड़ की बिक्री…

दोस्तों, आज का युग ऑनलाइन शॉपिंग का युग है! और ये phenomenon सिर्फ शहरों तक सीमित नहीं है, बल्कि smart phones और सस्ते डाटा प्लान्स की वजह से गाँव-गाँव में लोग online shopping कर रहे हैं! आज छोटी से छोटी और बड़ी-बड़ी से बड़ी  कंपनियाँ इस क्षेत्र में अपना भाग्य आजमा रही हैं।

कुछ सालों पहले तक लोगों को ख़रीदारी करने के लिए brick and mortar shop पर निर्भर रहना पड़ता था और यदि वे ख़रीदारी पर डिस्काउंट पाना चाहते, तो उन्हें सीजन सेल का लंबा इंतजार करना पड़ता। पर जब समय बदला, technology बदली तो लोगों का शॉपिंग का तरीका भी बदल गया। अब आप जब चाहे, जहां चाहे एक क्लिक से अपनी पसंदीदा product की ख़रीदारी कर सकते है और जल्द ही वह प्रॉडक्ट आपके दरवाजे पर पहुँच जाता है। बस पैसे चुकाइए और प्रॉडक्ट ले लीजिये। ऑनलाइन शॉपिंग की इस सरल रूप के कारण ही लोग तेजी से इसकी ओर आकर्षित हो रहे हैं।

ऑनलाइन शॉपिंग के फायदे / Benefits of Online Shopping in Hindi

समय की पाबंदी खत्म: ऑनलाइन शॉपिंग आपको समय में नहीं बांधता। आप जब चाहे ऑनलाइन शॉपिंग कर सकते हैं।
स्थान की अनिवार्यता खत्म: अगर आप नेट से कनेक्टेड हैं और आपके पास एक स्मार्ट फ़ोन या लैपटॉप है तो आप कहीं से भी खरीदारी कर सकते हैं. बस आपको सामान पहुंचाने का सही पता देना होता है.
कैशलेश ट्रांजेक्शन: इस जमाने में पैसा या कैश कार्ड कैरी करना risky हो सकता है। यदि आप ऑफलाइन शॉपिंग के लिए कैशकार्ड यूज करते है तो आपके कार्ड्स की क्लोनिंग या डाटा चोरी होने की संभावना बनी रहती है। पर ऑनलाइन शॉपिंग का cash on delivery (COD) option आपको इन चिंताओं से मुक्ति देता है। किसी भी प्रॉडक्ट का ऑर्डर करे और product मिलने पर ही payment करें।
प्रॉडक्टस पर बड़ी छूट (कभी भी): Almost सभी online shopping portals अपने कस्टमर्स को discount offer करते हैं। कोई 20% Off, कोई 40% off और कभी-कभी तो वे 80% तक डिस्काउंट ऑफर करते हैं।
समय की बचत: आज कल सड़कों पर निकलना मतलब ट्रैफिक जाम में फंसना। ऐसे में ऑनलाइन खरीदारी करने से हमारा कीमती समय बच जाता है।
ढेरों आप्शन: शॉपिंग पोर्टल्स पर आप लगभग हर कम्पनी के products purchase कर सकते हैं, जबकि बाज़ार में एक ही दूकान पर हर माल नहीं मिलता।
कैसे देती हैं कम्पनियां इतना अधिक डिस्काउंट?

इसे ऐसे समझा जा सकता है-

हम मानते है किसी प्रॉडक्ट को बनाने में कंपनी की Manufacturing Cost (जैसे labor costs, rentals, salaries, water & light bills etc) 1000 रुपये आता है। इसके बाद वो कंपनी इस प्रॉडक्ट को 20-25% की लाभ पर इसे 1250 रुपये की दर पर Distributor या Wholesaler को बेच देती है।

फिर Distributor या Wholesaler उस प्रॉडक्ट पर 20-25% की लाभ की अपेक्षा से रिटेलर्स को 1560 रुपये की यूनिट दर से बेच देता है।

अब रिटेलर्स उस प्रॉडक्ट की Purchasing Value यानि 1560 रुपये में अपने दुकान या शोरूम के तमाम खर्च जैसे माल ढुलाई, AC, लेबर खर्च, किराया और अपना लाभ जोड़कर 50-60% से बढ़ाकर 2500 रुपये में बेचता है।

यानि वह प्रॉडक्ट जितने हाथों से होते हुए कस्टमर के पास पहुंचेंगा, उतनी ही प्रोडक्ट की price में बढ़ोतरी होगी। इसी तरह Offline Market में किसी भी प्रोडक्ट की वैल्यू निर्धारित किया जाता है।

यानि conventional market कुछ इस तरह काम करता है:

Company ने बनाया ₹1000 में
Company ने Distributor/Wholesale को दिया  ₹1250 में
Distributor ने Retailer को दिया गया  ₹1560 में
Retailer ने Customer को दिया ₹2500 में
यानि शॉपिंग मॉल या शो रूम में मिलने वाले प्रोडक्टस की वैल्यू इसलिए इतनी अधिक होती है, क्योंकि उन्हें निर्माण से लेकर अंतिम उपभोक्ता तक पहुँचने में कई चरणों से गुजरना पड़ता है। हर चरण पर उसके वैल्यू में 20-25% की इजाफा होता है।

जबकि ऑनलाइन मार्केट डाइरेक्ट मार्केट होता है। किसी भी प्रोडक्ट को पाने के लिए ऑनलाइन कंपनियाँ सीधे ही Manufacturing Company से कांटैक्ट करती है और होलसेल price में उस प्रोडक्टस को Purchase करती है। जिससे ऑनलाइन कंपनियों को उस प्रॉडक्ट पर 1250 रुपये का सीधा कोस्ट पड़ता है, क्योंकि ऑनलाइन कंपनियों को ना ही शोरूम का खर्च वहन करना पड़ता है ना ही किसी एजेंट को उसकी फिस देना पड़ता है।

यानि Online market कुछ इस तरह काम करता है:

Company ने बनाया ₹1000 में
Flipkart, Amazon और Snapdeal जैसी कम्पनी को दिया  ₹1250 में
इन कंपनियों ने प्रोडक्ट की MRP यानि 2500 पे अपने मुताबिक डिस्काउंट दिया और end customer को प्रोडक्ट मिला भारी-भरकम डिस्काउंट के साथ।
Online Shopping के दौरान पैसे बचाने के तरीके

1) Coupon Code और Discount Offers का उपयोग करे: ऑनलाइन कंपनियाँ बारहों महीने कोई ना कोई डिस्काउंट ऑफर रन करती रहती हैं। जिसका लाभ उठाने के लिए आप गूगल पर डिस्काउंट ऑफर्स सर्च कर सकते हैं या सीधे  Searchmycoupon.com जैसे Coupon Aggregators Websites से Latest Coupon और Discount Deals पा सकते हैं।

2) Price Comparison Website का सहारा लें: यदि आप कोई स्मार्टफोन, लैपटॉप या होम थिएटर को खरीदने का प्लान बना रहे है तो खरीदने से पहले एक बार Price Comparison Website पर उसे प्रोडक्ट की वैल्यू जरूर चेक कर लें। वहाँ आप एक ही पेज पर विभिन्न ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट्स पर उस प्रोडक्ट की अलग-अलग वैल्यू की जानकारी ले सकते है। सबसे कम वैल्यू ऑफर करने वाले वेबसाइट से उस प्रोडक्ट को खरीद कर पैसे बचा सकते है।

3) Facebook, Twitter जैसे सोशल साइट्स पर डील देखें: Flipkart, Amazon जैसी कंपनियों की सोशल पेज होते है, जहां वे Latest Discount Offer की जानकारी सीधे अपने Followers को देते है। इसके अलावा आप किसी Coupon Aggregator Websites जैसे @searchmycoupon को फॉलो कर Latest Coupon और ऑफर की जानकारी ले सकते है।

4) Cashback Website पर जाए: Cashkaro.com जैसी वेबसाइटों से Regular Purchasing करने से आपको Cashback मिल सकता है। पर ये Cashback आपको Purchasing के 2 महीने बाद ही मिलेगा।

ऑनलाइन खरीदारी के दौरान कैसे रहें सुरक्षित? /Online Shopping Safety Tips in Hindi

Friends, जब बात ऑनलाइन शॉपिंग की हो रही हो तो, ऑनलाइन शॉपिंग से related Safety Tips की बात जरूर होनी चाहिए।
क्या आप जानते है? दुनियाँ में तेजी से बढ़ते साइबर क्राइम के मामले में भारत का चौथा स्थान है।

ऐसे में ऑनलाइन शॉपिंग सेफ़्टी टिप्स को जानना बेहद जरूरी है, तो आइये देखते हैं इन्हें:

1) शॉपिंग साइट Encrypted हो: जब आप किसी शॉपिंग वैबसाइट पर शॉपिंग करते है तो यह ensure करें कि वह शॉपिंग साइट Encrypted हो।

जब कोई वैबसाइट Encrypted होती है तो उसके URL के आगे Lock का निशान होता है और वह HTTP में ना ओपन होकर HTTPS यानि Hyper Text Transfer Protocol Secure में ओपन होता है, जो आपको सुनिश्चित करता है कि आपका कनेक्शन उस वैबसाइट के साथ प्राइवेट है, जिसमे कोई थर्ड पार्टी या हैकर्स ताक-झाक नहीं कर सकता।

दोस्तों, ध्यान दें, कुछ ऐसी भी वेबसाइट होती है, जिसकी सभी पेज Encrypted नहीं होती है। पर डरने वाली बात नहीं है। बस ध्यान रखे, उस वैबसाइट का पेमेंट पेज Encrypted हो। संभव हो तो पेमेंट मेथड के लिए COD ही चुने।

2) स्पेलिंग से मिलते-जुलते वैबसाइटों से दूर रहे: भारत में हैकर्स सबसे ज्यादा इसी तरीके से लोगों को हजारों-लाखों रुपयों का चपत लगा रहे है। वैसे इस तरह के मामले insurance companies के लिए सबसे बड़ा सिर दर्द है।

अभी हाल में ही IRDAI.org से कई लोगों ने फर्जी मेल प्राप्त किया, जबकि IRDAI की असली वैबसाइट IRDAI.gov.in है।

इसी तरह ध्यान दें कि कहीं आप Flipkart की जगह Flipcart पर तो विजिट नहीं कर रहे है? यहीं नहीं यदि आपके इनबॉक्स में Flipkart.org से मेल आता है तो सावधान रहे। अकसर hackers ऐसे मेल्स के through आपसे पेमेन्ट मेथड अपडेट करने के लिए कहते हैं और आपकी महत्त्वपूर्ण जानकारी चुरा लेते हैं।

यदि आप उस मेल के लिंक पर क्लिक करते है तो संभवत: एक फॉर्म ओपन होगा, जिसमें आपको उक्त कार्यवाही पूरा करने को कहा जाएगा।
आप जैसे ही फॉर्म फिल-अप कर सबमिट करेंगे तो आपका सारा डाटा हैकर्स के पास चला जाएगा। जिससे आपको आर्थिक हानि भी उठानी पड़ सकती है।

3) वाई-फ़ाई यूज न करे: होटल, रेलवे स्टेशन, साइबर कैफे मेँ मिलने वाले वाई-फ़ाई का यूज ऑनलाइन शॉपिंग के दौरान न करे अन्यथा वाई-फ़ाई ऑनर आपकी ऑनलाइन एक्टिविटी की जासूसी कर सकता है। जिससे ऑनलाइन पेमेन्ट के लिय यूज किए गए डेबिट कार्ड्स की महत्वपूर्ण जानकारियाँ हासिल कर सकता है।

4) एंटीवायरस सॉफ्टवेयर को अप टू डेट रखे: यदि आप अपने फोन या लैपटॉप मेँ एंटीवायरस इन्स्टोल किए बिना ऑनलाइन सर्फिंग करते है तो आप किसी भी ऑनलाइन फ़्रौड या Malware का शिकार हो सकते है। अभी Quick Heal या Avast Antivirus install करें। यदि आप फ्री एंटीवायरस चाहते है तो Microsoft का Microsoft Security Essentials इनस्टॉल करे और साथ ही समय-समय पर अपडेट करते रहें।

Conclusion

ऑनलाइन शॉपिंग convenience और पैसा बचाने, दोनों के लिए ही एक बढ़िया तरीका है। ज़रुरत इस बात की है कि हम online shopping के दौरान अच्छी से अच्छी deals प्राप्त करें और पूरी तरह secure भी रहें। मैं उम्मीद करता हूँ कि इस दिशा में यहाँ दी गयी जानकारी ज़रूर आपके काम आएगी।..

भविष्य में इन 5 फीचर्स से लैस होंगे स्मार्टफोन्स....

भविष्य में इन 5 फीचर्स से लैस होंगे स्मार्टफोन्स

स्मार्टफोन कई तरह की नई टेक्नॉलजीज़ से लैस होते जा रहे हैं। नई तकनीक के जुड़ते ही स्मार्टफोन और ज्यादा स्मार्ट हो जाते हैं। मोबाइल टेक्नॉलजी तेजी से बदल रही है और आने वाले कुछ वक्त में स्मार्टफोन्स कुछ शानदार फीचर जुड़ने वाले हैं। इनमें से कुछ फीचर्स अभी आपको कुछ स्मार्टफोन्स में मिल जाएंगे, मगर भविष्य में ये लगभग सभी स्मार्टफोन्स के स्टैंडर्ड फीचर होंगे। आगे देखें, कौन से ऐसे 5 फीचर्स हैं, जो भविष्य के स्मार्टफोन्स में आपको मिलेंगे.

1. बायोमीट्रिक पासवर्ड

जल्द ही आपको नंबर याद रखने या पैटर्न याद रखने की जरूरत नहीं होगी। ऑक्युल स्कैनिंग या आई वेन बायोमीट्रिक्स नाम की टेक्नॉलजी स्मार्टफोन्स में आ रही है। उम्मीद है कि साल 2018 तक यह लॉन्च हो जाएगी। आई वेरिफाई नाम की टेक कंपनी इस फीचर को डिवेलप कर रही है। कंपनी का दावा है कि यह तरीका फिंगरप्रिंट से तीन गुना ज्यादा सिक्यॉर है।
2. फोल्ड होने वाली स्क्रीन

आपने कभी ऐसे स्मार्टफोन की कल्पना भी नहीं की होगी, जिसकी स्क्रीन फोल्ड हो सकती हो। मगर इस तरह की टेक्नॉलजी तैयार की जा रही है। बहुत सारी कंपनियां ऐसी स्क्रीन्स बना रही हैं, जो गेम खेलते वक्त बड़ी हो जाएं और बाद में फोल्ड करके आराम से पॉकेट में डाली जा सके। ऑर्गैनिक लाइट एमिटिंग डायोड (OLED) टेक्नॉलजी की मदद से यह संभव है। इसमें पेपर जैसी पतली स्क्रीन होती है, जो दोनों तरफ से एकसाथ इस्तेमाल की जा सकती है।

3. वॉटरप्रूफिंग

गलती से फोन पानी में न गिर जाए, अब इसकी कोई चिंता नहीं रहेगी। अब यह फीचर ज्यादा स्मार्टफोन्स में देखने को मिलेगा। P2i (Aridion), Liquipel और HzO (WaterBlock) जैसे कंपनियां अपनी टेक्नॉलजी को फोन बनाने वाली कंपनियों को दे रही हैं। इन फीचर्स वाले फोन अभी लॉन्च होने वाले हैं। यह वॉटरप्रूफिंग पहले से बेहतर होगी। आईफोन 7s, सैमसंग गैलक्सी S3s में यह टेक्नॉलजी होने की उम्मीद है।
4. वॉइस कंट्रोल

स्पीच रिकॉग्निशन इंजन 'सीरी' के लॉन्च होने के बाद से वॉइस कंट्रोल ज्यादा पॉप्युलर हो रहा है। यह फीचर आईफोन जैसे कुछ फोन्स में मौजूद है, मगर अन्य स्मार्टफोन्स भी इस तरह के फीचर्स पर फोकस कर रहे हैं। वॉइस कंट्रोल से यूजर्स म्यूजिक प्ले करने, कॉल आंसर करने और ऐप रन करने जैसे कई काम कर सकते हैं।
5. फास्ट OS

आजकल हर कोई बहुत सारे ऐप्स इस्तेमाल करने लगा है। ये ऐप सही से चलें, इसके लिए फोन में अच्छा ऑपरेटिंग सिस्टम होना जरूरी है। ऐंड्रॉयड ने लेटेस्ट OS नॉगट लॉन्च कर दिया है। अभी यह मोटोरोला के चुनिंदा हैंडसेट्स पर उपलब्ध है, मगर जल्द ही अन्य स्मार्टफोन्स में भी आएगा।

इस OS का सबसे अच्छा फीचर यह है कि आपको वर्चुअल रिऐलिटी का शानदार अनुभव मिलता है। इसमें आप मल्टी विंडो व्यू, मल्टी लैंग्वेज सेटिंग्स और डोज़ मोड जैसे फीचर्स को इस्तेमाल कर सकते हैं।

Wednesday, 5 October 2016

Secrets of Effective Communication Skills...

Secrets of Effective Communication Skills – अच्छे वार्तालाप के आठ रहस्य

Communication (वार्तालाप) एक ऐसा हुनर है, जिसके माध्यम से किसी भी व्यक्ति के विचार, विवेक और किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व का पता चलता है| चाहे व्यवसाय हो, नौकरी हो या कोई अन्य क्षेत्र, Effective Communication Skills (प्रभावी संप्रेषण की कला) को सफलता के लिए अति-महत्वपूर्ण माना जाता है|

कई लोगों द्वारा बहुत अधिक मेहनत करने के बावजूद सफलता प्राप्त न करने का मुख्य कारण, सही Communication Skills का आभाव होता है|

University of Chicago Booth School of Business द्वारा किये गए एक शोध में बहुत ही चौकाने वाला निष्कर्ष सामने आया| शोधकर्ताओं ने पाया कि हम अनजान लोगों से, जान-पहचान वाले लोगों की तुलना में ज्यादा सही तरीके से बात कर पाते है| क्योंकि हमे लगता है की जिन्हें हम भली भाति जानते है वो समझ गए कि हम क्या समझाना चाहते है इसलिए हम अधिक प्रयास नहीं करते| और जिनसे हम कभी नहीं मिले उन्हें हम अपनी बात समझाने का पूर्ण प्रयास करते हैं|

बेहतर वार्तालाप करना ही एक बेहतर नेतृत्व की गुणवत्ता है और बिना अपनी बात समझाए अथवा बिना अच्छा संप्रेषक बने कोई भी व्यक्ति अच्छा लीडर नहीं बन सकता|

How to Improve Communication Skills

एक समूह को एक व्यक्ति समझे:

अगर आप एक लीडर हैं, तो अधिकांश समय आपको एक समूह के समक्ष अपने विचार व्यक्त करने पड़ते है| वह समूह छोटा भी हो सकता है और काफी बड़ा भी| एक बेहतर लीडर का गुण होता है कि जब वह समूह में बात करे, तो समूह के हर एक व्यक्ति तक बात उसी तरह पहुचनी चाहिए जैसे कि किसी को व्यक्तिगत निर्देश दिया जा रहा है| एक अच्छा वक्ता अपनी वक्तव्य कला से हर श्रोता को अपनी बातो से इस तरह आकर्षित करता है कि हर श्रोता को ऐसा लगता है कि उनसे प्रत्यक्ष रूप से बात हो रही है|

आत्म विश्लेषण

किसी भी भाव को अपने श्रोताओ को व्यक्त करने से पहले उसे खुद समझे और तय करे की क्या ये सटीक भाव और लाइन है, जो आप अपने श्रोताओ को समझाना चाहते हैं| बिना बैचेनी के कुछ समय का वक़्त लेकर शांति से अपने विचार व्यक्त को समझें|

हास्य और उत्साहपूर्ण वार्तालाप

एक अच्छे संप्रेषक (Communicator) को अपने श्रोता या श्रोताओं तक निरंतर रूप से अपनी बात पहुँचाने के लिए बीच बीच में हास्यपूर्ण विचार भी व्यक्त करने होंगे| आपको अपनी बातो में आत्मविश्वास और उत्साह दिखाना होगा, तभी श्रोता अंत तक आपके विचार को उसी उत्साह के साथ सुनेंगे और समझेंगे जितना कि वे शुरुआत में थे|

श्रोताओ को प्रतिक्रिया का मौका

अपने विचार व्यक्त करने के पश्चात अच्छे सम्प्रेषक को, श्रोता के विचारों को ध्यान से सुनना चाहिए और या उनके मन में चल रहे प्रश्नों का भी उत्तर देना चाहिए| अगर श्रोता न पूछे तो अपनी बात ख़त्म करने के पश्चात खुद श्रोता से प्रतिक्रिया देने के लिए बोलना चाहिए !

अनुमान न लगाए

अच्छे संप्रेषक (Great Communicator) का एक गुण  है कि वह अनुमान नहीं लगाता  कि श्रोता क्या सोच रहा है| अगर कोई दुविधा हो तो संप्रेषक, श्रोता  से प्रश्न पूछता है और उन्हें अपना मत रखने का अवसर हमेशा देता है|

वही बोले जो आप एक श्रोता होकर सुनना चाहते है

ऐसा करने से आप बहुत ही सटीक तरीके से बोलने लगोगे, बस सोचिये कि अगर आप किसी श्रोता की जगह होते तो एक संप्रेषक से क्या और कैसे सुनना पसंद करते| आपकी आधी दिक्कत तो इसी में दूर हो जाएगी!

श्रोता के हाव भाव

बहुत बार श्रोता न चाहते हुए भी उस बात के लिए हाँ कह देते है, जो उन्हें समझ नहीं आती क्योंकि हो सकता है वो आपसे उतने सहज नहीं हो| इस परिस्थिति को सँभालने के लिए आपको श्रोता के मुख के हाव भाव को समझना आना चाहिए| हाव भाव समझने से आप बेहतर तरीके से समझ पाएंगे कि क्या श्रोता तक आपके विचार पहुचे या नहीं!

बोलने और सुनने का अभ्यास

अभ्यास ही एकमात्र बेहतर से और भी बेहतर बनने का तरीका है | अच्छा संप्रेषक बनने के लिए पहले अच्छा श्रोता होना बेहद जरूरी है| ज्यादातर लोग बातों को सुनते है, लेकिन ध्यान से समझते नहीं है| इसके लिए जरूरी है कि सबसे पहले आप एक अच्छे श्रोता बनने का अभ्यास करें और उसके एक अच्छे वक्ता बनने का|